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राजस्थान विधानसभा चुनाव 2023-आचार संहिता नियम ।। राजस्थान में आचार संहिता कब से लागू होगा | Achar Sanhita in rajasthan 2023 date

राजस्थान में आदर्श आचरण संहिता कब से लागू होगा २०२३ ।। राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता 


 

राजस्थान में आदर्श आचरण संहिता कब से लागू होगा- 

राजस्थान में इस साल २०२३ विधानसभा चुनाव होने है जिसके लिए निवार्चन आयोग तैयारी में लग गयी है । राजस्थान में आचार संहिता अक्टूबर माह के पहले सप्ताह में शुरू लगाया जा सकता है। दिसम्बर २०२३ तक राज्य में चुनाव पूरी हो जाएगी।

राजस्थान राज्य के लिए राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों के मार्गदर्शन के लिये आदर्श आचरण संहिता

सामान्य आचरण -

1. किसी भी दल या उम्मीदवार को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जिससे किसी धर्म,सम्प्रदाय व जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुँचे या उनमें विद्वेष व तनाव पैदा हो।

2. जब अन्य राजनैतिक दलों की आलोचना की जाये, तब उनकी नीतियों और कार्यक्रम, पूर्ववत छवि और कार्य तक ही सीमित होनी चाहिए। यह भी आवश्यक है कि व्यक्तिगत जीवन के ऐसे सभी पहलुआंे की आलोचना नहीं की जानी चाहिये, जिनका संबंध अन्य दलों के नेताओ या कार्यकत्ताओं के सार्वजनिक क्रियाकलाप से न हो। दलों या उनके कार्यकत्ताओं के बारे में ऐसे आरोपों के आधार पर आलोचना नहीं की जानी चाहिये जिनकी सत्यता साबित नहीं हुई है या तोड मरोडकर कही गयी बातों पर आधारित है।

3. मत प्राप्त करने के लिये धार्मिक, साम्प्रदायिक या जातीय भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाािहये तथा चुनाव प्रचार के लिये किसी पूजा-स्थल जैसे कि मन्दिर, मस्जिद, गुरूद्वारा, गिरजाघर आदि का उपयोग नहीं किया जाना चाािहये।

4. किसी भी दल और उम्मीदवार को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिये जो निर्वाचन विधि के अधीन भ्रष्ट आचरण और अपराध माना गया है, जैसे कि मतदान की समाप्ति के लिये नियत समय पर पूरी होने वाली 48 घन्टे की अवधि के दौरान सार्वजनिक सभा करना, किसी चुनाव सभा में गडबडी करना या विघ्न डालना, मतदान केन्द्र व मतदान केन्द्र की 100 मीटर की परिधि के अन्दर मत संयाचना (ब्वदअंेेपदह) करना, मतदाताओं को मतदान केन्द्र तक लाने या ले जाने के लिये वाहनों का उपयोग करना, मतदान केन्द्र में या उसके आस-पास विच्छृंखल (क्पेवतकमतसल ब्वदकनबज) आचरण करना, मतदान की कार्यवाही में बाधा डालना, मतदाताओं को रिश्वत देना, तथा मतदाताओं का प्रतिरूपण करना आदि।

5.दलों या उम्मीदवारों को चाहिये कि वे अन्य व्यक्ति के विचारों या कार्यों का विरोध करने के लिये उनके निवास पर प्रदर्शन आयोजित करने या धरना देने जैसे तरीकों का सहारा नहीं लेवें तथा इस बात का प्रयास करें कि प्रत्येक व्यक्ति के शांन्तिपूर्ण और विघ्न रहित घरेलू जिन्दगी के अधिकार (Right o peaceful and undisturbed home-life, का वे आदर करें, चाहे वे उसके राजनीतिक विचारों या क्र्रिया कलापों के कितने ही विरूद्ध क्यों न हों।

6. किसी दल या उम्मीदवार को किसी व्यक्ति की भूमि, भवन, अहाते, दीवार आदि का चुनाव प्रतीक लगाने, ध्वज लगाने, पोस्टर चिपकाने, नारे लिखने, बैनर लगाने आदि के लिये बिना अनुमति के उपयोग नहीं करना चाहिये और न ही ऐसा करने की अनुमति अपने समर्थको (Followers) को देनी चाहिये।

. मतदान के दिन और इससे एक दिन पूर्व की अवधि में किसी दल या किसी उम्मीदवार और उनके कार्यकर्ताओं द्वारा न तो शराब खरीदी जाये और न ही उसे किसी को पेश किया जाये और न ही वितरित की जाये। प्रत्येक दल व उम्मीदवार को अपने कार्यकर्ताओं को ऐसा करने से रोकना चाहिये।

8. किसी भी ऐसे व्यक्ति को अपना निर्वाचन अभिकर्ता या मतदान अभिकर्ता या गणन-अभिकर्ता नियुक्त नहीं करना चाहिये जो केन्द्रीय सरकार या राज्य सरकार या स्थानीय प्राधिकारी के अधीनस्थ कर्मचारी है और न ही उन्हें अपने चुनाव प्रचार संबंधी कोई कार्य में शामिल करना चाहिये।

सभाएं- राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता

1. दलों और उम्मीदवारों को चाािहये कि वे और उनके समर्थक अन्य दलों या उम्मीदवारों द्वारा आयोजित सभाओं व जुलूसों में बाधा उत्पन्न नहीं करें, और न ही अन्य दलों अथवा उम्मीदवारों द्वारा आयोजित सार्वजनिक सभाओं में मौखिक रूप से या लिखित रूप से प्रश्न पूछकर या अपने अथवा अपने दल के पर्चे वितरित कर कोई विघ्न पैदा करना चाहिये। दलों व अभ्यर्थियों द्वारा उन स्थानों से होकर अपना जुलूस नहीं ले जाना चाािहये जहँा पर दूसरे दल अथवा अभ्यर्थी द्वारा सभा की जा रही है। किसी दूसरे दल अथवा अभ्यर्थी के द्वारा लगाये गये पोस्टर भी नहीं हटाने चाहिये।

2. दल या अभ्यर्थी को चुनाव प्रचार के लिये सभा करने से पूर्व यह सुनिश्चिित कर लेना चाहिये कि जहँा पर उनके द्वारा सभा करने का प्रस्ताव है, वहँा कोई निर्बन्धात्मक या प्रतिबन्धात्मक आदेश लागू तो नहीं हैं और यदि ऐसे आदेश लागू हों तो उनका कडाई के साथ पालन करना चाहिये। यदि ऐसे आदेशों से कोई छूट अपेक्षित है तो उसके लिये यथासमय संबंधित सक्षम अधिकारी को आवेदन करना चाहिये और छूट प्राप्त कर लेनी चाहिये।

3.दल या अभ्यर्थी को किसी प्रस्तावित सभा के स्थान और समय के बारे में स्थानीय पुलिस अधिकारियों को उपयुक्त समय पर सूचना देनी चाहिये ताकि वे यातायात नियंत्रित करने और शांति तथा व्यवस्था बनाये रखने के लिये आवश्यक इंतजाम कर सके। यदि अपेक्षित हो तो संबंधित सक्षम अधिकारी से उसकी अनुमति भी लेनी चाहिये।

4.दल या अभ्यर्थी को चाहिये कि वे अपनी किसी प्रस्तावित सभा के संबंध में लाऊड-स्पीकरों के प्रयोग या अन्य किसी सुविधा के लिये अनुमति प्राप्त करना चाहे तो संबंधित सक्षम अधिकारी के पास पर्याप्त समय पहले ही आवेदन करें और ऐसी अनुमति प्राप्त करें।

लाऊड-स्पीकरों के उपयोग की अनुमति यदि अपेक्षित है तो बिना अनुमति लाऊड-स्पीकरों का प्रयोग नहीं करना चाहिये और सक्षम अधिकारी से अनुमति लेने के पश्चात् भी लाऊड-स्पीकरों को ऊँची आवाज में कदापि नहीं बजायें।

5. किसी दल या अभ्यर्थी के द्वारा सभा आयोजित करने पर यदि ऐसी सभा में कोई विघ्न डाले या अन्यथा अव्यवस्था फैलाने का प्रयास करे तो सभा के आयोजकों को चाहिये कि विघ्न डालने वाले और अव्यवस्था फैलाने का प्रयास करने वाले व्यक्तियों से निपटने के लिये ड्यूटी पर तैनात पुलिस की सहायता प्राप्त करे। आयोजकों को स्वयं ऐसे व्यक्तियों के विरूद्ध कोई कार्यवाही नहीं करनी चाहिये।

जुलूस -राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता

1. दल या अभ्यर्थी को चाहिये कि वे पहले ही यह तय कर लें कि जुलूस किस समय और किस स्थान से शुरू होकर किस समय और किस स्थान पर समाप्त होगा तथा किस मार्ग से होकर जायेगा। कार्यक्रम में बाद में सामान्यतः कोई फेर बदल नहीं करना चाहिये।

2. जुलूस के आयोजकों को चाहिये कि वे जूलूस के कार्यक्रम के बारे में स्थानीय पुलिस को पर्याप्त समय पूर्व सूचित कर दें, ताकि आवश्यक इंतजाम हो सके।

3.जुलूस का आयोजन करने से पूर्व यह आवश्यक रूप से पता कर लेना चाहिये कि जुलूस के निकालने के संबंध में कोई प्रतिबन्धात्मक आदेश तो लागू नहीं है और जब तक सक्षम अधिकारी द्वारा ऐसे प्रतिबन्धात्मक आदेशों से विशेष रूप से छूट न दे दी जावे तब तक उन निर्बन्धनों का पालन करना चाहिये। जुलूस के आयोजन के समय यातायात नियमों का भी पालन करना चाहिये। जुलूस की व्यवस्था ऐसी करनी चाहिये जिससे यातायात में रूकावट न हो और यातायात का जमाव नहीं हो। जुूलूस को सडक के एक ओर रखना चाहिये तथा पुलिस के निर्देश व सलाह का पालन करना चाहिये।

4. यदि दो या दो से अधिक राजनैतिक दलांे या अभ्यर्थियों ने लगभग उसी समय पर उसी रास्ते से या उसके भाग से जुलूस निकालने का प्रस्ताव किया है तो, आयोजकांे को चाहिये कि वे समय से पूर्व आपस में सम्पर्क स्थापित करें और ऐसी योजना बनायें कि जिससे जुलूसो में टकराव न हो एवं यातायात मे बाधा न पहँुचे। स्थानीय पुलिस की सहायता संतोषजनक इंतजाम करने के लिये सदा उपलब्ध होगी। इस प्रयोजन के लिये दलों को यथाशीघ्र पुलिस से सम्पर्क स्थापित करना होगा।

5. दल या अभ्यर्थी को उनके द्वारा आयोजित जुलूसों में किसी व्यक्ति को कोई ऐसी वस्तु लेकर चलने की अनुमति नहीं देनी चाहिये जिसका कि उत्तेजना के क्षणों में दुरूपयोग हो सके।

6. किसी दल या अभ्यर्थी को अन्य दल के सदस्यों या उनके नेताओं या अन्य अभ्यर्थी के पुतले लेकर चलने, उनको किसी सार्वजनिक स्थान पर जलाने का कार्य नहीं करना चाहिये और न ही ऐसे प्रदर्शनों का समर्थन करना चाहिये।

मतदान दिवस -राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता

सभी राजनैतिक दलों और अभ्यर्थियों को चाहिये कि वे -

1. यह सुनिश्चित करने के लिये कि मतदान निष्पक्ष, शान्तिपूर्वक और सुव्यवस्थित ढंग से हो और मतदाताओं को पूरी स्वतंत्रता हो कि वे बिना किसी परेशानी या बाधा के अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकें, निर्वाचन कर्तव्य पर लगे हुये अधिकारियों के साथ सहयोग करें।

2. अपने प्राधिकृत कार्यकर्ताओं को उपयुक्त बिल्ले या पहचान पत्र दें।

3. ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित करें कि मतदाताओं को उनके द्वारा दी गई पहचान पर्चियँा सादे सफेद कागज पर होंगी और उन पर कोई प्रतीक, अभ्यर्थी का नाम या दल का नाम नहीं होगा।

4. मतदान के दिन और उसके पूर्व के 48 घंटों के दौरान किसी को शराब पेश या वितरित न करें।

5. मतदान केन्द्रों के निकट लगाये गये कैम्पों के नजदीक अनावश्यक भीड इकट्ठी न होने दें जिससे दलों और अभ्यर्थियों के कार्यकर्ताओं और शुभचिन्तकों में आपस में मुकाबला और तनाव न होने पावे।

6. यह सुनिश्चिित करें कि अभ्यर्थियों के कैम्प साधारण हों उन पर टैंट नहीं लगाये जायें, उन पर कोई पोस्टर, झंडे, प्रतीक या कोई अन्य प्रचार सामग्री प्रदर्शित न की जाये। कैम्पों में खाद्य पदार्थ पेश न किये जायें और भीड न लगाई जाए।

7. मतदान के दिन वाहन चलाने पर लगाये जाने वाले निर्बन्धनों का पालन करने में प्राधिकारियों के साथ सहयोग करें और वाहनों के लिये परमिट प्राप्त कर लें और उन्हें उन वाहनों पर ऐसे लगा दें जिससे साफ-साफ दिखाई देते रहें।

8. मतदान केन्द्र से 200 मीटर की परिधि में अपना कैम्प किसी भी स्थिति में नहीं लगावें।

9. मतदान केन्द्र व इसकी 100 मीटर परिधि में किसी मतदाता से मत संयाचना (Convasing) नहीं करें और न ही अपने कार्यकर्ताओं को करने दें।

10. वाहन का परमिट सक्षम अधिकारी से प्राप्त कर लेने के बाद भी ऐसे वाहन में स्वयं अभ्यर्थी व उसके परिवारजन अथवा निर्वाचन एजेंट व उसके परिवार के सदस्यों के अलावा अन्य किसी मतदाता को नहीं बिठायें।

11. अपने कार्यकर्ताओं को किसी भी वाहन से अन्य ऐसे मतदाताओं को जो उनके स्वयं के परिवारजन नहीं हैं, मतदान केन्द्रों तक लाने व वहँा से ले जाने का कार्य करने से पूर्णतः रोकें।

12. मतदाताओं का प्रतिरूपण अर्थात गलत नाम से मत डालने का प्रयास नहीं करें।

मतदान केन्द्र -राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता

मतदाताओं के सिवाय कोई भी व्यक्ति राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा दिये गये विधिमान्य पास के बिना मतदान केन्द्रों में प्रवेश नहीं करेगा।

पर्यवेक्षक -राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता

राज्य निर्वाचन आयोग पर्यवेक्षक नियुक्त कर रहा है। यदि निर्वाचनों के संचालन के संबंध में अभ्यर्थियों या उनके अभिकर्ताओं को कोई विशिष्ट शिकायत या समस्या हो तो वे उसकी सूचना पर्यवेक्षक को दे सकते हैं।

सत्ताधारी दल -राजस्थान विधानसभा चुनाव २०२३ आचार संहिता

सत्ताधारी दल को, चाहे वह केन्द्र में हो या राज्य में हो, यह सुनिश्चिित करना चाहिये कि यह शिकायत करने का कोई मौका न दिया जाये कि उस दल ने अपने निर्वाचन अभियान के प्रयोजनों के लिये अपने सरकारी पद का प्रयोग किया है, और विशेष रूप से -

(1) () मंत्रियों को अपने शासकीय दौरों को निर्वाचन क्षेत्रो में निर्वाचन से संबंधित प्रचार कार्य के साथ नहीं जोडना चाहिये और निर्वाचन के दौरान प्रचार करते हुये शासकीय मशीनरी अथवा कार्मिकों का प्रयोग नहीं करना चाहिये।

() सरकारी विमानों, गाडियों सहित सरकारी वाहनों, मशीनरी और कार्मिकों का सत्ताधारी दल के हित को बढावा देने के लिये प्रयोग नहीं किया जायेगा।

(2) सत्ताधारी दल को चाहिये कि वह सार्वजनिक स्थान जैसे मैदान इत्यादि पर निर्वाचन सभाएं आयोजित करने और निर्वाचन के संबंध में हवाई उडानों के लिये हैलिपैड के इस्तेमाल करने के लिये अपना एकाधिकार न जमाएं । ऐसे स्थानों का प्रयोग दूसरे दलों और अभ्यर्थियों को भी उन्हीं शर्तों पर करने दिया जाए जिन शर्तों पर सत्ताधारी दल उनका प्रयोग करता है।

(3) सत्ताधारी दल या उसके अभ्यर्थियों का विश्राम गृहों, डाक बंगलों या अन्य सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं होगा और ऐसे आवासों का प्रयोग निष्पक्ष तरीके से करने के लिये अन्य दलों और अभ्यर्थियों को भी अनुमति दी जायेगी लेकिन कोई भी दल या अभ्यर्थी ऐसे आवासों का व इनके साथ संलग्न परिसरों का प्रचार कार्यालय के रूप में या निर्वाचन प्रोपेगंडा के लिये कोई सार्वजनिक सभा करने की दृष्टि से प्रयोग नहीं करेगा या प्रयोग करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।

(4) निर्वाचन अवधि के दौरान, राजनैतिक समाचारों तथा प्रचार की पक्षपातपूर्ण ख्याति के लिये सरकारी खर्चे से समाचार पत्रों में या अन्य माध्यमों से ऐसे विज्ञापनों का जारी किया जाना, तथा सरकारी जन-माध्यमों का दुरूपयोग कर्तव्यनिष्ठ होकर बिल्कुल बन्द रहना चाहिये जिनमें सत्ताधारी दल के हितों को अग्रसर करने की दृष्टि से उनकी उपलब्धियँा दिखाई गई हों।

(5) मंत्रियों और अन्य प्राधिकारियों को उस समय से जब से राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन कार्यक्रम घोषित किये जाते हैं, विवेकाधीन निधि में से अनुदानों/अदायगियों की स्वीकृति नहीं देनी चाहिये।

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