Telangana Election Result

क्या आचार संहिता (Code of Conduct) में भर्तियाँ निकलती है? Achar sanhita में भर्तियाँ क्यो नहीं कराई जाती है?

अक्सर कई बार यह प्रश्न आता है कि आने वाले चुनाव के समय आचार संहिता (Achar Sanhita) के घोषणा के बाद नई भर्तियाँ निकलती है क्या? आइये जानते हैं कि प्रश्न का जवाब।

Do the code of conduct contain recruitments?

 

आचार संहिता (Achar Sanhita)के दौरान निर्वाचन आयोग (election Commission) के द्वारा निर्वाचन कराई जाती है। निर्वाचन आयोग के पास भर्तियों को मंजूरी देने की शक्ति होती है।

इस पोस्ट के माध्यम से पूरी जानकारी आसान शब्दों में समझने की कोशिश करेंगे। उक्त प्रश्न के उत्तर कि लिए कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक है जैसे कि होने वाले चुनाव विधानसभा, विधानपरिषद्, लोकसभा, नगरीय निकाय आदि किस के अंतर्गत आते हैं।

विधानसभा चुनाव की स्थिति में-

विधानसभा चुनाव जो कि राज्य में उपस्थित सीटों के आधार पर होता है जिसके माध्यम से विधायक चुने जाते हैं जोकि राज्य के किसी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं ऐसे स्थिति में वहां चुनाव होने हैं। और आचार संहिता की घोषणा कर दी जाती है तो राज्य स्तर पर भर्तियों पर रोक लगा दी जाएगी। किसी प्रकार की भर्तियां नहीं की जा सकती।

ऐसे में केन्द्रीय स्तर की परीक्षा जैसे एसएससी(SSC), यूपीएससी(UPSC), रेलवे(RAILWAY), बैंक(BANK), डिफेंस, अन्य सेंट्रल की भर्तियां यथावत रहेगी उन पर राज्य स्तर के परीक्षार्थी अपने आवेदन कर सकेंगे।

आचार संहिता (code of conduct)में भर्तियाँ क्यो नहीं कराई जाती है?

आचार संहिता के दौरान किसी भी प्रकार की भर्ती प्रक्रिया कराया जाना उचित नहीं होता है। इसके पीछे तर्क यह है कि यदि भर्ती निकाली जाए तो सत्तारूढ़ दल जो कि आचार संहिता लगने से पहले सरकार में थी उनको भर्ती निकालने का क्रेडिट मिल सकता है जिससे उसको निर्वाचन या चुनाव में लाभ पहुंच सकता है जो कि आचार संहिता नियम के विरूद्ध हैं। अतः आचार संहिता लगने के दौरान सरकारी पदों पर भर्ती नहीं की जाती हैं। इसके अलावा नियुक्तियों पर भी पाबंदी होती है।

लोकसभा चुनाव की स्थिति में-

विधानसभा चुनाव की तरह ही केन्द्र सरकार के लिए निर्वाचन में भी आचार संहिता लागू होता है इसमें केन्द्रीय स्तर की परीक्षाऐं पर रोक लगा दी जाती है। राज्य में भी इसका असर पड़ता हैं।

निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि चुनाव निकट होने अथवा आचार संहिता लागू होने के पश्चात नौकरियां प्रदान करने की प्रक्रिया को भी प्रारम्भ नहीं किया जा सकता है।

सन् 2005 के विधानसभा चुनावों में मतदान समाप्ति के पश्चात भी निर्वाचन आयोग ने हरियाणा की चौटाल ा सरकार को नई भर्तियां करने की इजाजत देने से इंकार कर दिया। निर्वाचन आयोग ने चौटाला सरकार को नई भर्तियां करने की इजाजत देने से इंकार करते हुआ कहा था कि जब तक चुनावी प्रक्रिया पूरी नहीं हो जाती है, राज्य सरकार को नई भर्तियां की इजाजत नहीं दी जा सकती है।

 

आचार संहिता कौन लागू करता है?

आचार संहिता (code of conduct) निर्वाचन आयोग के द्वारा लागू होता हैं। निर्वाचन आयोग निर्वाचन के पूरे समय के दौरान, सत्ताधारी दल और अभ्यर्थियों के साथ राजनीतिक दलों के द्वारा आचार संहिता का पालन सुनिश्चत करता है। एवं इस बात पर ध्यान रखता है कि सबके साथ समान न्याय हो एवं समान प्रतिस्पर्धा का मौका मिले, कही भ्रष्टाचार न हों। या किसी विशेष दल को अतिरिक्त लाभ न मिलें।

 

आदर्श आचार संहिता(MCC) नियमावली के अंतर्गत भर्तियों पर इस प्रकार प्रावधान है-

अध्याय कण्डिका 5.8 में तदर्थ नियुक्तियों पर प्रतिबंध लगाया गया है।

  • 5.8.1 के अनुसार- आदर्श आचार संहिता के अवधि के दौरान सरकारी, सार्वजनिक, क्षेत्रों आदि में कोई भी नियुक्तियां न की जाएगी जिससे सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में मतदाता प्रभावित हो सकते है।
  • 5.8.2 के अनुसार- निर्वाचन आयोग को यूपीसएससी, स्टेट पीसीएस, एसएससी या अन्य संवैधानिक निकायों के द्वारा किये गये नियुक्तियों पर काई आपत्ति नहीं होती है मगर फिर भी इस नियुक्तियों को निर्वाचन के पूरे होने के बाद तक टाला जाता है।
  • 5.8.3 के अनुसार- गैर संविधानिक निकायों में अगर नियुक्तियां की आवश्यक होती है तो उन्हें निर्वाचन आयोग से अनापत्ति एनओसी लेना आवश्यक होता है। यदि निर्वाचन आयोग को लगे कि यह प्रस्ताव लंबित हो सकता है तो उन्हें नियुक्तियों से रोका जाएगा तथा निर्वाचन सम्पन्न होने के बाद उन्हें नियुक्तियों के लिए मान्य किया जाएगा।


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